बस इतनी सी बात समंदर को खल गई, एक काग़ज़ की नाँव कैसे तैर गई..
तेरी यारी में हम कुछ बिगड़ से गए शरीफ तो वैसे भी थे नहीं अब एक्स्ट्रा कमीने हो गए.
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